
लखीमपुर। दैनिक जागरण के यशस्वी किसान सम्मान समारोह के दूसरे व अंतिम दिन समारोह का समापन कवि सम्मेलन से किया गया। इस अवसर पर जिले के अलावा आसपास के जिलों के भी कवि व शायर शामिल हुए। वरिष्ठ कवि राजेंद्र प्रसाद तिवारी कंटक की अध्यक्षता में शुरू हुए इस कवि सम्मेलन का संचालन शहर के मशहूर शायर इलियास चिश्ती ने किया।
मिले-जुले इस सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रजनन से की गई इस दौरान राकेश मिश्रा लखनऊ दैनिक जागरण के आप कंट्री सुपरवाइजर सुधीर मिश्रा, मनोरंजन संस्था के महेश जायसवाल समेत, बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे कवि सम्मेलन में वाणी वंदना करते हुए विकास सहाय विकास ने पढ़ा जयति अक्षर सुरसरी जयति वीणा वादिनी, ज्ञान का दीपक जला दे मां उतारू आरती।
सीतापुर से आए शायर खुशतर रहमानी ने पढ़ा-
सब की तहजीब है अलग लेकिन
मिल के त्यौहार सब मनाते हैं।
एक हैं एक ही रहेंगे सदा,
गीत मिलजुल के सब ये गाते हैं।
संजीव मिश्रा व्योम ने जब पढ़ा कि-
हवस के फेर में दुनिया के समेटने वालों
एक टुकड़ा जमी का साथ ले न जाओगे…
तो पूरा पंडाल तालिया से गूंज गया।
हास्य रंग से पूरे प्रदेश में अपनी पहचान बनाने वाले कमलेश धुरंधर ने पढ़ा ‘हमने अपने बेटे से कहा यदि तुम चाहते हो की 140 करोड़ की आबादी में अलग दिखो तो हमारी मानो बेटा कविता पढ़ो …. उनकी कई रचनाओं से लोग ठहाके लगाते रहे।
मंच का संचालन कर रहे इलियास चिश्ती के शेर खूब सराहे गए। उन्होंने पढ़ा
हर कहीं हुकूमत है ये बताया भारत ने
चांद पर तिरंगे को जब लगाया भारत ने,
पाक को हराया है जब भी जंग में इलियास बाप बाप होता है यह बताया भारत ने,
विभिन्न काव्य रसों पर अपनी कई किताबें लिख चुके गीतों के राजकुमार कहे जाने वाले, अध्यक्षता कर रहे राजेंद्र प्रसाद तिवारी कंटक के कई गीतों को लोगों ने बार-बार सुना। उनका मुक्तक खूब सराहा गया
बात बनती नहीं बनाने से,
काम चलता नहीं बहाने से।
चाहे जितना भी छिपों लेकिन प्यार
छिपता नहीं छुपाने से ….. इसके अलावा कृति श्रीवास्तव समेंत कई कवियों ने काव्य पाठ किया। देर शाम तक चले इसका सम्मेलन में श्रोता जमें बैठे रहे।