
(पंच पथ न्यूज़)
सीतापुर। तहसील महमूदाबाद के पहला ब्लॉक के ग्रामसभा चुनका में जल जीवन मिशन के अंतर्गत बनी पानी की टंकी भरभराकर गिर गई, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन इस घटना ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना पर क्षेत्रीय विधायक आशा मौर्या ने काफी नाराज़गी ज़ाहिर की है। और संबंधित अधिकारियों व ठेकेदारों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही करने की भी मांग की है। बताया जा रहा है कि कुछ माह पूर्व की इस टंकी का निर्माण कार्य हुआ था इस निर्माण कार्य मे तकरीबन 5 करोड़ से ज़्यादा की लागत खर्च हुई है। ऐसे में बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं 5 करोड़ रुपए से बनी पानी की टंकी मात्र कुछ सेकंडों में धराशाही हो गई।
इस पानी की टंकी से करीब 20 हज़ार लोग लाभान्वित हो रहे थे जनवरी 2025 में इस टंकी को शुरू कर दिया गया था बताया जा रहा है कि इस टंकी से 8 गांवों के 700 कनेक्शन जुड़े थे।
आपको बता दें कि 24 मई को ही नोडल अफसर इंद्रजीत सिंह सीतापुर जनपद में निरीक्षण कर के गए हैं जिसकी रिपोर्ट उन्हें 26 मई को मुख्य सचिव को सौंपी होगी। सरकार की तरफ से नोडल अफसरों को सख्त निर्देश थे और सरकार का ज़ोर जल जीवन मिशन में आ रही शिकायतों को ले कर ही था नोडल को खास तौर पर जल जीवन मिशन की गुणवत्ता जाँचने के लिए जनपद में भेजा गया था। अब पता नहीं नोडल अफसर इंद्रजीत सिंह ने मुख्य सचिव को क्या रिपोर्ट सौंपी होगी ये तो वही जान सकते हैं। लेकिन इस घटना से यह तो साफ है कि ज़मीनी हक़ीक़त ठीक नहीं है।

विधायक ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप-
घटना के बाद क्षेत्रीय विधायक आशा मौर्या ने संबंधित अधिकारियों व ठेकेदारों पर गंभीर भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया और निर्धारित मानकों की अनदेखी कर मानक विहीन कार्य कराए गए है। विधायक ने ठेकेदारों के लाइसेन्स रद्द करने की मांग की है। इस निर्माण कार्य की लागत 5 करोड़ रुपये से ज़्यादा की बताया है क्षेत्रीय विधायक ने। (विधायक की पंच पथ से बातचीत)
पहले भी जताई गई थी आपत्ति-
विधायक ने यह भी बताया कि निर्माण कार्य के दौरान मानक विहीन कार्यों को लेकर उन्होंने पहले भी संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया था, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। उनकी चेतावनियों को नजरअंदाज किया गया, जिसका नतीजा आज सामने है।
पूर्व में भी हो चुकी है ऐसी घटना-
गौरतलब है कि इससे पहले अगस्त 2024 में महोली तहसील क्षेत्र के चितहला गांव में भी जल जीवन मिशन के अंतर्गत बनी पानी की टंकी ट्रायल के दौरान ही गिर गई थी। उस मामले में अधिशासी अभियंता आलोक पटेल और सहायक अभियंता विनोद को निलंबित और जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त किया गया था परंतु इसके बाद भी अधिकारी व ठेकेदार नहीं सचेते।
लोगों ने जांच और सुधार की मांग-
चितहला की घटना के बाद टंकियों की गुणवत्ता जांच के निर्देश दिए गए थे, जिसमें रिबाउंड हैमर टेस्ट और सॉइल टेस्ट को अनिवार्य किया गया। चुनका की घटना के बाद फिर से मांग उठी है कि जल जीवन मिशन के सभी निर्माण कार्यों की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को सख्त सजा मिले।
इस तरोताजा घटना ने सरकार की बहुप्रचारित योजना की पारदर्शिता, निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण की व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधि अब ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।