जब अचानक निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण करने पहुँचे DM, खामियां देख भड़के, गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं….

जिलाधिकारी ने किया नैपालापुर-लहरपुर मार्ग का निरीक्षण

सीतापुर। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने बृहस्पतिवार को रिज़र्व पुलिस लाइन से नेपालापुर तक सम्पूर्ण मार्ग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने नेपालापुर-लहरपुर मार्ग पर स्थित निर्माणाधीन सेतु का औचक निरीक्षण करते हुए कार्य की प्रगति, गुणवत्ता और यातायात की सुगमता के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

निर्माण में लापरवाही पर जताई नाराज़गी, गुणवत्ता, सौंदर्यीकरण व जल निकासी को लेकर दिए सख्त निर्देश

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को मार्ग निर्माण में प्रयुक्त गिट्टी और सीमेंट के अनुपात में कमी का आभास हुआ, जिस पर उन्होंने निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता रीमा सोनकर से मौके पर ही जवाब तलब किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में चेताया कि निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही या घटिया सामग्री का प्रयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि यह मार्ग जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों को जोड़ता है, जिससे आमजन की दैनिक आवाजाही, कृषि, व्यापार और आपातकालीन सेवाएं प्रभावित होती हैं। ऐसे में मार्ग का उच्च गुणवत्ता के साथ समयबद्ध निर्माण अत्यंत आवश्यक है।
जिलाधिकारी ने लगभग एक किलोमीटर पैदल चलकर स्वयं सेतु और मार्ग का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने तकनीकी अधिकारियों से डिजाइन, प्रगति व सुरक्षा मानकों की जानकारी ली और पारदर्शिता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया।

निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण करते जिलाधिकारी अभिषेक आनंद

सौंदर्यीकरण को लेकर उन्होंने क्षतिग्रस्त डिवाइडरों की मरम्मत करते हुए उनमें उपजाऊ मिट्टी भरकर पौधारोपण करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसे पर्यावरण संरक्षण के साथ यात्री अनुभव बेहतर बनाने का अहम उपाय बताया।
बरसात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जल निकासी की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने और नालियों की समुचित सफाई कराने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए। उन्होंने कहा कि जलभराव से न केवल सड़क को नुकसान होता है, बल्कि यह दुर्घटनाओं का कारण भी बनता है।
निरीक्षण के दौरान मार्ग के दोनों ओर अनियोजित निर्माणों पर भी उन्होंने कड़ी नाराज़गी जताई। नगर निकाय और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि ऐसे निर्माणों को चिन्हित कर नियोजित ढांचे में लाया जाए, जिससे मार्ग की चौड़ाई व यातायात प्रभावित न हो।

साथ ही, वन विभाग से संबंधित भूमि एवं पेड़ों के विवादों को लेकर जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि संबंधित विभाग आपसी समन्वय से इन मुद्दों का शीघ्र समाधान करें, ताकि निर्माण कार्य में कोई बाधा उत्पन्न न हो।

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