जनपद में विकास कार्यों की समीक्षा करने आएंगी पूर्व में सीतापुर जिलाधिकारी रहीं IAS, प्रशासन कितना तैयार ?

  • रेहान अंसारी 

सीतापुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों की जमीनी हकीकत जानने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, राज्य के सभी 75 जिलों में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। सीतापुर जिले के लिए आईएएस अधिकारी किंजल सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी 24 और 25 मई को अपने-अपने जिलों में जाकर इन बिंदुओं पर निरीक्षण करेंगे:

  • बड़ी परियोजनाओं का सत्यापन: प्रत्येक जिले में दो ऐसी परियोजनाओं का भौतिक सत्यापन किया जाएगा, जिनकी लागत ₹50 करोड़ से अधिक है।
  • जल जीवन मिशन की समीक्षा: ‘हर घर नल’ योजना सहित जल जीवन मिशन के अंतर्गत चल रही योजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा।
  • गौ-आश्रय स्थलों का निरीक्षण: गौ-सेवा स्थलों की स्थिति और संचालन की समीक्षा की जाएगी।

इसके बाद नोडल अधिकारी 26 मई को अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपेंगे, जिससे शासन को योजनाओं की प्रभावशीलता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी ।

नोडल अधिकारी आईएएस किंजल सिंह-
किंजल सिंह 2008 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा की महानिदेशक (Director General of Medical Education) के पद पर कार्यरत हैं। IAS किंजल सिंह पूर्व में सीतापुर जनपद की जिलाधिकारी के रूप में भी ज़िम्मेदारी संभाल चुकी है। किंजल सिंह ने 2014 में लगभग 6 माह तक ज़िम्मेदारी संभाली थी। उनकी प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता के लिए उन्हें जाना जाता है ।

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम प्रदेश में सुशासन और विकास कार्यों की निगरानी को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आईएएस किंजल सिंह जैसी अनुभवी अधिकारी की नियुक्ति से सीतापुर जिले में विकास योजनाओं की वास्तविक स्थिति का प्रभावी मूल्यांकन संभव होगा। 

जानकार तो यहाँ तक मान रहे हैं कि जल जीवन मिशन में बड़ी संख्या में गड़बड़ी के आरोप है। जिसे ले कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जताई है। खबर ये भी मिल रही है कि जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल 60 सांसदों से मिले हैं। खास कर यूपी में जल जीवन मिशन का ज़मीनी स्तर पर बड़ा ही खस्ता हाल है। इसी के मद्देनज़र यूपी के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को नोडल अफसर नियुक्त किया गया है। यह अफसर ज़मीन पर जा कर टेंडर से ले कर हर स्तर पर दो दिन तक बारीकी से जाँच करेंगे। जिसके बाद 26 मई को मुख्य सचिव को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौपेंगे। 

जल जीवन मिशन के अंतर्गत सीतापुर में भी एक भ्रस्टाचार का मामला सामने आया था। ब्लॉक महोली के ककरहिया में अगस्त 2024 में ही एक पानी की टंकी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई थी। जहाँ ट्रायल के दौरान ही पानी की टंकी गिरने का मामला सामने आया था। इस मामले में हमेशा की तरह बड़ी मछलियों को बचाते हुए छोटी मछली की भेट चढ़ा दी गई थी। 

अब देखना होगा नोडल अधिकारी किंजल सिंह किस एंगल पर और क्या जाँच कर के मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौपेंगी।

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