SITAPUR : बाढ़ को ले कर अलर्ट मोड में प्रशासन, जिलाधिकारी ने जनमानस से की अपील

बारिश के दौरान अपनाएं सुरक्षात्मक तरीके।
● जलभराव वाले स्थानों व बिजली के खंभों से बनाएं दूरी, 
● कलेक्ट्रेट सहित तहसीलों, स्वास्थ्य विभाग एवं बाढ़ खण्ड में कन्ट्रोल रूम सक्रिय, हेल्पलाइन नंबर जारी।

(पंच पथ न्यूज़) सीतापुर। जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने विगत तीन-चार दिनों से हो बारिश के दृष्टिगत जनसामान्य से अपील की है कि अतिवृष्टि के दौरान सतर्क रहें, ऐसे स्थानों पर ना जाएं जहां जलभराव की स्थिति बनती है, गहरे स्थानों, नदी, नालों, नहरों, तालाब, डैम, कुंए इत्यादि स्थानों पर जाने से बचें तथा प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को मानें और प्रशासन का सहयोग करें. पुराने, जर्जर भवन के नीचे निवास न करें। उन्होंने कहा कि बारिश और खराब मौसम के दौरान यथासंभव अति आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकलें तथा जलभराव वाले स्थानों पर जाने से बचें। बारिश के दौरान बिजली के खंभों में करंट उतरने की संभावना अत्यधिक रहती है, इसलिए बिजली के खंभों के किनारे कतई न जाये। नदी, नालों, नहरों, तालाबों में कतई न जाएं तथा बच्चों पर विशेष निगरानी रखें कि वे जलभराव वाले स्थान पर न जाने पाएं।

गांजर इलाकों का निरीक्षण करते प्रभारी मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह व विधायक ज्ञान तिवारी

आपदा प्रबंधन ने जारी की एडवाइजरी-
वहीं जिला आपदा प्रबंधन सीतापुर प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बारिश के दृष्टिगत एडवाइजरी जारी कर बचाव व सुरक्षा के उपाय बताए गए हैं। जिलाधिकारी ने जनसामान्य से अपील करते हुए कहा है कि खराब मौसम में आकाशीय बिजली गिरने/वज्रपात की घटनाएं घटित होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं, जिससे जनहानि की घटनाएं भी हो सकती हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि आकाशीय बिजली से बचने के उपायों को अपनाया जाये ताकि वज्रपात से जनहानि एवं पशु हानि न होने पाये।
उन्होंने कहा है कि जनसामान्य अपने मोबाइल में मौसम विज्ञान विभाग भारत सरकार द्वारा विकसित दामिनी एप डाउनलोड करें जिससे वज्रपात की पूर्व सूचना मिल सके ताकि जनहानि या घायल होने की घटनाओं से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष वज्रपात से बड़ी संख्या में जनहानि व पशुहानि होती है तथा इन्फास्ट्रक्चर को भी भारी नुकसान पहुंचता है। वज्रपात से कम से कम क्षति हो इसके लिए प्रभावी व्यवस्था को अपनाने के साथ ही अधिसूचित आपदाओं की पूर्व चेतावनियों एवं अलर्ट को आम जनमानस तक समय से पहुचांकर आपदा को कम किया जा सकता है। बताया कि वज्रपात से बचने के लिए पेड़ों के नीचे, मोबाइल टावर व ऊंचे मकान के नीचे शरण न लें। बच्चों को बाहर न खेलने दें, लोहे की खिड़की, दरवाजे व हैण्डपम्प आदि को न छुएं। धातु से बने छाते का प्रयोग न करें, लैण्डलाइन एवं विजली के उपकरणों का उपयोग न करें, खुले वाहनों मेे सवारी न करें, बचाव के लिए जमीन पर न लेटें।

दामिनी मोबाइल एप का करें प्रयोग- जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जनसामान्य को आकाशीय बिजली से बचाव हेतु दामिनी एप का प्रयोग करने की सलाह दी गई है। किसानों और पशुपालकों को सलाह दी गई है कि अपने मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर रखें। जलभराव के कारण सर्पदंश की घटनाएं संभावना भी बढ़ सकती है, ऐेसे में घरों में सावधानी बरतें तथा सांप काटने पर झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ते हुए तुरन्त अपने निकटतम सीएचसी या जिला अस्पताल जाकर एन्टी स्नेक वेनम का इंजेशन लगवाएं।


आपात स्थिति में इन नम्बरों पर कॉल करके लें मदद -डीएम
जिलाधिकारी के निर्देश पर संभावित बाढ़ एवं अन्य आपदाओं से निपटने के लिए जनपद स्तर पर कलेक्ट्रेट स्थित इमरजेंसी आपरेशन कक्ष में कन्ट्रोल रूम सक्रिय है। जिलाधिकारी ने बताया कि आपात स्थिति में जनपद स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेन्टर के हेल्पलाइन नम्बर सीयूजी 9454416556, 05862-242400/05862-245753 अथवा टोल फ्री नंबर 1077 पर कॉल करके मदद ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि कन्ट्रोल रूम 24 घन्टे सक्रिय हैं तथा शिफ्टवार ड्यूटी लगी हैं।

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