
● रेहान अंसारी
(पंच पथ न्यूज़)
सीतापुर। ज़िला अस्पताल में समस्या जस की तस बनी हुई है। अव्यवस्थाओं का बोल बाला नज़र आ रहा है। सरकार की हर एक मंशा पर पानी फेरता नज़र आ रहा सीतापुर का स्वास्थ्य महकमा, सरकार एक ओर एड़ी चोटी का ज़ोर लगाए हुए है। कि प्रदेश में जनता को बेहतर सवास्थ्य सेवाएं मिल सके लेकिन ज़िले का सवास्थ्य महकमा इससे बिल्कुल इतर है। ज़िले का स्वास्थ्य महकमा सरकार की साख पर बट्टा लगाता नज़र आ रहा है। ज़मीनी स्तर पर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो पाएं इसके लिए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक लगातार प्रयास रत हैं। इसी क्रम में उपमुख्यमंत्री ने बीती शनिवार को सीतापुर ज़िला अस्पताल का निरीक्षण किया था जहाँ उन्हें कई खामियां मिली थीं जिसको ले कर उन्होंने ज़िम्मेदारों को सख्त निर्देश दिये थे। और उन खामियों को तत्काल दुरुस्त कराने के निर्देश भी दिये थे।
पंच पथ ने उपमुख्यमंत्री के दौरे के दो दिन बीत जाने के बाद जब ज़िला अस्पताल में पड़ताल की तो कुछ समस्याओं का तो समाधान हुआ लेकिन ज़्यादा तर समस्या जस की तस बनी हुई हैं। ज़िला अस्पताल में उपमुख्यमंत्री पाठक ने पर्चा काउंटर का निरीक्षण किया था जहाँ उन्हें दो पर्चा काउंटर ही मिले थे जिसको ले कर डिप्टी सीएम ने चार पर्चा काउंटर करने के निर्देश दिए थे लेकिन अभी सिर्फ तीन पर्चा काउंटर ही चालू हो सके हैं। जिसके चलते पर्चा काउंटर पर लगातार भीड़ बनी हुई है। एक पर्चा काउंटर तो बढ़ा लेकिन मरीज़ों से बात करने पर पता चला कि काम बहुत धीरे हो रहा है। एक पर्चा बनाने में कर्मचारी बहुत समय लगा रहे हैं।

बिजली तारों का मकड़जाल, एग्जास्ट फैन गायब-
उपमुख्यमंत्री ने इमरजेंसी कक्ष के बाहर तारों के फैले मकड़जाल और एक्जास्ट फैन नदारत मिलने पर सीएमएस को कड़ी फटकार लगाई थी और तत्काल उसे ठीक कराने के निर्देश दिए थे लेकिन पंच पथ की पड़ताल में पता चला कि दो दिन बीत जाने के बाद भी वह समस्या लगातार बनी हुई है। और ज़िम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। तारों का मकड़जाल वैसे ही फैला है और एग्जास्ट फैन अपनी जगह से गायब मिले।

अग्नि शामक यंत्र हुए एक्सपायर-
ज़िला अस्पताल की इमरजेंसी कक्ष के बाहर लगे आग बुझाने वाले यंत्र को ले कर डिप्टी सीएम ने उन्हें बदलने वाले के निर्देश दिए थे लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी वह बदल नहीं सके और एक्सपायर टंगे हुए हैं। पंच पथ ने जब मंगलवार को इसकी बारीकी से पड़ताल की तो पता चला वह एक्सपायर हो जाने के बावजूद अपनी जगह पर लगे हुए हैं और ज़िम्मेदान अनजान बने हुए हैं ऐसे में अगर कोई अनहोनी हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ? हाल ही में प्रदेश की राजधानी में एक बड़े अस्पताल में हादसा हो गया था जिसके बाद उपमुख्यमंत्री पाठक ने सभी ज़िला अस्पतालों को हिदायत दी थी कि वह अपना फायर सिस्टम ठीक कर लें और ज़रूरत हो तो मॉक ड्रिल का भी आयोजन कराया जाए। लेकिन सीतापुर ज़िला अस्पताल के ज़िम्मेदारों के कान में ज़रा भी जूं नही रेंगता अपनी ज़िम्मेदारी से बिल्कुल अनजान बने हुए हैं।

पैथालॉजी का एक गेट फिर बन्द-
शनिवार को डिप्टी सीएम के निरीक्षण के दौरान पैथालॉजी का एक गेट बंद था जिसको देखते ही उपमुख्यमंत्री रुक गए गेट बंद देख उपमुख्यमंत्री ने सीएमएस को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा क्यों बंद है लेकिन सीएमएस इसका जवाब नहीं दे पाए जिस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि अरे महाराज कभी राउंड पर भी निकला करो खैर इतना कहने के थोड़ी देर बाद ही गेट खोल दिया गया। लेकिन मंगलवार को पंच पथ की पड़ताल में उसी गेट पर फिर से ताला जड़ा हुआ मिला और 11 बज कर 45 मिनट पर गेट बंद मिला। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि सीतापुर स्वास्थ्य महकमे के लिए उपमुख्यमंत्री के निर्देश कितने मायने रखते हैं।

ज़मीन पर बैठने को मजबूर मरीज़-
पंच पथ ने पैथालॉजी बिल्डिंग में जब और पड़ताल की गई तो वहाँ पर अव्यवस्थाओं का बोल बाला मिला दूर दराज़ से आए मरीज ज़मीन पर बैठने को मजबूर हैं अल्ट्रासाउंड कक्ष एक्सरे कक्ष के बाहर इतनी व्यवस्था नहीं है कि मरीज़ों को कुर्सी मुहैय्या कराई जा सके। मरीज़ लाइन लगाए ज़मीन पर बैठने को मजबूर हैं। आखिर ज़िम्मेदार कब जागेंगे ?