
मज़दूर-किसानों ने सात देशी अनाजों के संग किया शुभारंभ, देसी व्यंजन, हस्तशिल्प और लोककला से सजा मेला
सीतापुर (पंच पथ न्यूज़)। गाँव की मिट्टी की खुशबू और मेहनतकश किसानों की झलक से सजा तीन दिवसीय किसान मज़दूर मेला उत्साह के साथ शुरू हुआ। ग्रामीण जीवन, परंपरा और मेहनत के इस संगम का शुभारंभ मज़दूरों और किसानों ने सात प्रकार के देशी अनाजों को एक साथ मिलाकर “मिली-जुली खेती, जगत हितैषी” के नारे के साथ किया।
मेले में ग्रामीण संस्कृति की झलक दिखाने वाले अनेक स्टॉल लगे हैं। देशी अनाज से बने व्यंजन, चाक और मिट्टी के खिलौने, हस्तशिल्प एवं लोककला आधारित प्रदर्शनी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं।
स्वास्थ्य सेवाओं के तहत सीतापुर आंख अस्पताल की टीम ने 86 लोगों की आँखों की जांच की, जबकि ज़िला अस्पताल के डॉक्टरों ने बीपी और शुगर परीक्षण किया। इस दौरान डॉ. वसुंधरा द्वारा डेंगू से बचाव पर जागरूकता गोष्ठी आयोजित की गई, जिसे लोगों ने बड़ी रुचि से सुना।
सांस्कृतिक मंच पर नुक्कड़ नाटक, लोकगीत, गीत-संगीत और चर्चा कार्यक्रमों ने मेले के रंगों को और भी जीवंत बना दिया।
उर्दू अकादमी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और सीतापुर के कवियों द्वारा कवि सम्मेलन का भी आयोजन हुआ।
आयोजकों के अनुसार यह मेला 10 नवंबर तक इसी उत्साह और उमंग के साथ चलता रहेगा।
मेले के आयोजन में रामदेवी, रामबेटी, लज्जावती, जसना, सरोजनी, पुष्पा, मंजू देवी, मंजू पाल, राजाराम, सुधीर, रामसागर, जगन्नाथ, प्रकाश, रामकुमार, राजाराम, सुधा, ऋचा, डॉ. वसुंधरा, पिंटू और सुरबाला सहित कई लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।




