
- आज जरूरत है संविधान को सिर्फ किताबों में नहीं, ज़मीनी स्तर पर भी जिंदा रखने की – ममता वर्मा
- संविधान की रक्षा करना हम सभी का दायित्व -सांसद राकेश राठौर
(पंच पथ न्यूज़) सीतापुर। हरगांव विधानसभा क्षेत्र के देतेली गांव स्थित चीमा पैलेस में आज एक विशेष जन जागरूकता कार्यक्रम “संविधान बचाओ संवाद” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संविधान की मूल भावना, लोकतांत्रिक मूल्यों और आमजन के अधिकारों की रक्षा को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना था।
कांग्रेसियों का कहना है कि इस संवाद कार्यक्रम के माध्यम से जननायक राहुल गांधी जी, मल्लिकार्जुन खड़गे जी एवं प्रदेश अध्यक्ष अजय राय जी की जनहितकारी विचारधारा को लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कांग्रेसजनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, युवाओं और गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन संजीव नाथ गुप्ता ने किया, जिन्होंने संवाद को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाया और सभी वक्ताओं को मंच प्रदान किया।
सांसद राकेश राठौर ने सभा को संबोधित करते हुए इस अवसर पर कहा “संविधान की रक्षा करना सिर्फ सरकार का ही नहीं, हम सभी का दायित्व है। ऐसे जनसंवाद हमें लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत करने का अवसर देते हैं। राहुल गांधी जी का यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए रास्ता तैयार कर रहा है।”

तो वहीं आयोजिका डॉ. ममता वर्मा, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस कमेटी सीतापुर ने अपने संबोधन में कहा “आज जरूरत है संविधान को सिर्फ किताबों में नहीं, ज़मीनी स्तर पर भी जिंदा रखने की। हम हर गांव, हर व्यक्ति तक राहुल गांधी जी की लोकतांत्रिक सोच को पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

कार्यक्रम की का मुख्य उद्देश्य रहा संविधान की मूल आत्मा (न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व) पर संवाद, युवाओं, महिलाओं और ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी, सामाजिक और राजनैतिक जागरूकता को बढ़ावा
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से, डॉ. ब्रज बिहारी, सुनीता चौधरी, रेखा रावत, दीप सिंह, जितेंद्र शुक्ला, अमीषा कपिल (हरगांव ब्लॉक अध्यक्ष), सीताराम राजवंशी (पूर्व चेयरमैन), बशारत अहमद, शिवप्रकाश सिंह, अश्वंत राजवंश, अनिल रिहान, रेखा राज, चंद्रकली राजवंशी, नीतू भार्गव, इस्लाम सलीमानी, इकबाल, संतोष जसवाल, रामनाथ लोधी, संदीप बघेल, अशोक वर्मा जी, उपस्थित रहे।
यह कार्यक्रम न केवल कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक दायित्व का निर्वहन था, बल्कि एक लोकतांत्रिक चेतना जगाने की मुहिम भी थी, जो आगे चलकर संविधान और देश को सशक्त बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।