
(पंच पथ न्यूज़) देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो पिछले तीन दिनों से क्रू की भारी कमी से जूझ रही है। बुधवार को भी दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 250 से ज्यादा उड़ानें कैंसिल करनी पड़ीं। इससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और एयरपोर्ट्स पर अफरा-तफरी का माहौल दिखाई दिया।
इस संकट की बड़ी वजह DGCA द्वारा लागू किए गए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम हैं, जिनका मकसद पायलटों और क्रू मेंबर्स को अत्यधिक थकान से बचाना है। लेकिन इन नियमों से एयरलाइन कंपनियों पर अतिरिक्त क्रू की जरूरत बढ़ गई है और इंडिगो इस बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार दिखाई नहीं दे रही।
नए नियमों के तहत 7 दिन काम करने के बाद 48 घंटे लगातार आराम, रात 12 से सुबह 6 बजे तक नाइट ड्यूटी, नाइट में सिर्फ 2 लैंडिंग, लगातार दो रात से ज्यादा ड्यूटी नहीं, और लंबी उड़ानों के बाद 24 घंटे अनिवार्य रेस्ट तय किया गया है। ये नियम सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी हैं, लेकिन अचानक लागू होने से इंडिगो के ऑपरेशन पर सीधा असर पड़ा है।
पिछले एक महीने में इंडिगो की समयपालन क्षमता (On-Time Performance) भी लगातार गिर रही है। नवंबर में बड़ी संख्या में उड़ानें इसी वजह से रद्द या देरी की शिकार हुई थीं। अब स्थिति और गंभीर हो गई है, क्योंकि DGCA ने नियमों के पालन में किसी भी तरह की ढील देने से इंकार कर दिया है।
यात्रियों को अचानक फ्लाइट कैंसिल होने, री-शेड्यूलिंग, और घंटों इंतजार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इंडिगो को तुरंत बड़े पैमाने पर पायलट और क्रू भर्ती करनी होगी, अन्यथा आने वाले दिनों में भी फ्लाइट ऑपरेशन सुचारू रखना मुश्किल हो सकता है।
DGCA के ये नियम जहां पायलटों की थकान कम करने और उड़ान सुरक्षा बढ़ाने के लिए जरूरी हैं, वहीं एयरलाइंस की तैयारी की कमी ने एक बड़े संकट को जन्म दे दिया है। फिलहाल इंडिगो इस स्थिति को सामान्य करने की कोशिश में जुटी है, लेकिन यात्रियों की मुश्किलें अभी कम होती नहीं दिख रही हैं।



