
सीतापुर। बहुचर्चित पत्रकार राघवेंद्र वाजेपयी हत्याकांड का खुलासा गुरुवार को सीतापुर पुलिस ने कर दिया है। जिसमें मंदिर का कथित सहयोगी बाबा समेत दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस हत्याकांड की साजिश कार्यदेव मंदिर के सहयोगी बाबा शिवानन्द उर्फ विकास राठौर समेत दो अन्य व दो पेशेवर शूटरों जिनको पैसे के एवज में पत्रकार की हत्या करने को कहा गया इन सभी ने मिल कर रची थी।
राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या के करीब 32 दिन बाद सीतापुर पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया पुलिस के मुताबिक पूरी घटना में मंदिर के सहयोगी बाबा समेत 4 अन्य लोग शामिल थे जिसमें सहयोगी बाबा समेत दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसमें निर्मल सिंह व असलम गाजी शामिल हैं जिसमे निर्मल बाबा शिवानंद का करीबी है। व दो शूटर जिनको पैसे के बदले पूरे घटना को अंजाम देने को कहा गया वह अभी भी फरार है। उनको पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की तीन व एसटीएफ की सात यानी कुल 10 टीमें गैर जनपद में डेरा डाले हुए हैं और लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक राघवेन्द्र बाजपेयी का महोली क्षेत्र में स्थित कार्यदेव मंदिर पर लगातार आना जाना था। पिछले 5-6 महीनों से मृतक का मंदिर पर आना-जाना काफी बढ़ गया। मंदिर के मुख्य पुजारी रमाकान्त मिश्रा हैं। मंदिर में ही एक अन्य व्यक्ति जिसका नाम विकास है, जो नाम बदलकर विकास मिश्रा उर्फ शिवानन्द के नाम से मंदिर पर पिछले 05 वर्ष से रहता है। इसके द्वारा मुख्य पुजारी की पूजा इत्यादि में मदद की जाती है व व्यक्तिगत स्तर पर ज्योतिष/तंत्र/अन्य धार्मिक क्रियाकलापों को किया जाता है। विकास राठौर का उपरोक्त क्रियाकलापों के संबंध में लगातार विभिन्न जनपदों में व सीतापुर के विभिन्न स्थानों पर आना जाना होता है। राघवेन्द्र द्वारा मंदिर पर जाने के क्रम में उपरोक्त विकास राठौर से दोस्ती हो गई। विकास राठौर द्वारा मंदिर में व्यवस्था में मदद करने वाले एक नाबालिग बच्चे के साथ में पिछले कुछ महीनों से दुष्कर्म किया जा रहा था। विकास राठौर की अनेक व्यक्तियों से भी समलैंगिक संबंध थे। मंदिर जाने के क्रम में फरवरी माह के प्रारम्भ में राघवेन्द्र वाजपेई ने विकास को नाबालिग बालक के साथ संबंध बनाते हुए देख लिया था। विकास राठौर द्वारा अपने बयानों में बताया गया कि राघवेन्द्र द्वारा उनके इस कृत्य को उजागर करने की धमकी दी जाने लगी व उजागर न करने के एवज में एक बड़ी रकम की मांग की जाने लगी। विकास राठौर ने बताया कि उसके द्वारा पैसा देने में असमर्थता व्यक्ति की गई एवं राघवेन्द्र से कम पैसे लेने के लिए कहा गया। परन्तु राघवेन्द्र अपनी इस मांग पर अड़े रहे। फरवरी के पश्चात राघवेन्द्र ने लगभग प्रत्येक दिन मंदिर जाना शुरु कर दिया। कई दिन राघवेन्द्र विकास को अकेला पाकर अपनी मांग को दोहराते रहे।
विकास द्वारा अपने कृत्यों के उजागर होने के भय से अब राघवेन्द्र को अपने रास्ते से हटाने का निर्णय किया चूंकि विकास को भय था कि पैसा देने के बावजूद भी भविष्य में राघवेन्द्र उसको ब्लैकमेल कर सकते हैं। विकास द्वारा मंदिर पर बीच-बीच में आने वाले दो अपराधियों को संपर्क किया गया जिनका नाम निर्मल सिंह व असलम गाजी था। विकास के द्वारा उक्त आरोपियों से पैसे के एवज में राघवेन्द्र की हत्या करने को कहा गया। विकास के द्वारा इन लोगों को संपर्क करने हेतु राहगीरों के मोबाइल के माध्यम से संपर्क किया गया जिससे की उस तक घटना न जुड़ सके। विकास द्वारा इन दोनों आरोपियों को कुल 04 लाख रूपये नगद दिये गये। जिसके बाद इन आरोपियों द्वारा विकास से अपना नम्बर डिलीट करवाया गया। तथा उनसे संपर्क न रखने को कहा गया तथा भरोसा दिलाया कि एक महीने के अंदर राघवेन्द्र को रास्ते से हटा दिया जाएगा। विकास भी घटना के इंतजार में राघवेन्द्र से मधुर संबंध रखने लगा ताकि मृतक राघवेंद्र को कोई शक न हो। विकास द्वारा दोनो आरोपियों को राघवेनद्र की पहचान कराने हेतु उसकी एक फोटो मोबाईल पर दिखाकर, मोबाईल से ही फोटों खींची गई थी।
अब निर्मल व असलम के द्वारा इस घटना के लिए ज़िले के ही मूल निवासी लेकिन वर्तमान में जनपद से बाहर रह रहे दो पेशेवर अपराधियों से संपर्क किया गया एवं 1 लाख रूपये अपने पास रखे गये तथा 03 लाख रूपये उन पेशेवर अपराधियों को दिये गये। पुलिस द्वारा मृतक के घर में घटनास्थल व उसके आगे जाने वाले मार्गों पर सी०सी०टी०वी फुटेज एकत्र किये गये करीब दो सौ से ज़्यादा सी सी टी वी फुटेज के अवलोकन से दो संदिग्ध बाईक प्रकाश में आयीं जो पूरे रास्ते मृतक का पीछा करते दिखाई दीं। पुलिस का कहना है कि घटनास्थल की कोई सी सी टी वी फुटेज उपलब्ध नहीं है। घटनास्थल के तुरंत बाद पेट्रोल पम्प पर सी सी टी वी फुटेज उपलब्ध है जिससे बाईक सवार घटनास्थल से फरार होते हुए दिखे पेट्रोल पम्प पर उपस्थित चश्मदीद साक्षियों के द्वारा भी फुटेज को कंफर्म किया गया है। सी सी टी वी के आधार पर दो मुख्य आरोपियों की पहचान कर ली गई है जिनकी गिरफ्तारी हेतु लगातार प्रयास किया जा रहा है व शीघ्र ही इनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
पुलिस का यह भी कहना है कि 06-07 तथा 08 मार्च की तारीखों को विभिन्न बहानों से विकास ने मृतक राघवेन्द्र को अपने पास बुलाया, दिनांक 06 मार्च की शाम को मृतक राघवेन्द्र, विकास, रमाकान्त अपने कुछ अन्य साथियों के साथ खीरी में रासलीला का एक कार्यक्रम भी देखने को गये जहां पर विकास की मुलाकात कोमल मिश्रा नामक व्यक्ति से हुई जो रासलीला में कलाकार था। विकास इसके बाद कोमल से भी संबंध बनाने का प्रयास करने लगा। दिनांक 08.03.2025 की सुबह 10 से 12 बजे के मध्य विकास ने राघवेन्द्र को किसी बहाने से मंदिर बुलाया। मंदिर से वापस जाकर विकास अपने अन्य कार्यों के बाद महोली से सीतापुर जा रहे थे। जब दोपहर 03 बजे राघवेन्द्र की हत्या की घटना हुई थी। विकास को कई व्यक्तियों के माध्यम से फोन पर हत्या की सूचना प्राप्त हुई थी। दोपहर 03.40 बजे विकास ने कोमल को संपर्क किया कोमल ने पूछताछ में बताया कि विकास ने उससे कहा कि आज एक बड़ा काम हो गया है, चलो पार्टी करते हैं। इसके पश्चात विकास व कोमल ने विभिन्न स्थानों पर जाकर शॉपिंग की। सीतापुर के राजस्थानी होटल में शाम के समय खाना खाया फिर राजस्थानी होटल में ही एक कमरा बुक कराकर साथ में रात व्यतीत की, जहां विकास द्वारा कोमल के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाये गये। कमरे में मंगाकर 06 बीयर व भांग का भी सेवन भी किया गया था।
आपको बता दें कि पुलिस द्वारा जब दिनांक 11.03.2025 पहली बार मंदिर जाकर राघवेन्द्र से जान पहचान के संबंध में विकास से पूछा गया तो उसने कोई विशेष जान पहचान होने से इंकार किया तथा जिसके बाद ही हाईकोर्ट के अधिवक्ता को अग्रिम जमानत हेतु संपर्क किया गया। घटना के दिन कोमल के साथ पार्टी जाने से पहले मुख्य पुजारी को बताया था कि वह नैपालापुर में अनुष्ठान के लिए जा रहा है।
गिरफ्तार अभियुक्तगण उपरोक्त का चालान मा० न्याया० किया जा रहा है। पुलिस का यह भी कहना है कि घटना में शूटरों की गिरफ्तारी के बाद यदि पूरे घटनाक्रम में किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता प्रकाश में आती है, तो उस पर भी वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। विस्तृत विवेचना प्रचलित है।