शिक्षक शायर खुश्तर रहमान ने पहलगाम हमले की निंदा की

सीतापुर। कश्मीर के पहलगाम में हुआ कायरतापूर्ण आतंकी हमला इंसानियत के नाम पर कलंक है। इंसानी ज़िन्दगी में आतंक या भय का किसी भी रूप में कोई स्थान नहीं हो सकता, आतंक के रास्ते पर बुज़दिल चलते हैं। इंसानियत का क़त्ल करने वाले राक्षस इंसान कहलाने लायक़ नहीं हो सकते। हम हर तरह के आतंकवाद और उग्रवाद का भरपूर विरोध करते हैं और भारत सरकार से मांग करते हैं कि जितनी जल्दी हो सके सरहद पार समर्थित आतंकवाद को तेस्तनाबूद करने की भरपूर कार्यवाई शुरू की जाय। दुश्मन के खिलाफ़ भारत सरकार की हर तरह कार्यवाही हम हिन्दोस्तानी अवाम के लिये गर्व की बात होगी।

यह बात उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (1160) के प्रांतीय संयुक्त महामन्त्री खुश्तर रहमान खाँ ने कही है। उन्होंने कहा कि पहलगाम हमला सोची समझी साजिश का नतीजा नजर आता है। दुश्मन हमारे मुल्क का आपसी भाई-चारा छिन्न-भिन्न करना चाहते हैं। उनके यह नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होगे। हम भारतवासी हमेशा एक थे, एक हैं और एक रहेगें। भारत का हर नागरिक अपने वतन और वतन वासियों के लिये हमेशा अपनी जान की बाज़ी लगाने को तैय्यार है, बुज़दिलो, कायरों, आतंकियो को यह बात समझ लेनी चाहिये कि भारत की एकता और अखण्डता के लिये हर भारत वासी सर पर कफन बाँधने में संकोच नहीं करता। खुश्तर रहमान खाँ जो एक शायर भी हैं ने अपने एक शेर के ज़रिये भारत के लोगों का आहवाहन करते हुए कहा-
सर कलम कर दो अगर जुल्म कही से उट्ठे,
मेरी आवाज़ में आवाज़ मिला दो यारो।।

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