
(पंच पथ न्यूज़) नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने मंगलवार को पूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित कर दिया। इस घोषणा के साथ ही आगामी चुनाव का मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने की घोषणा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों की बैठक के बाद बी. सुदर्शन रेड्डी के नाम की औपचारिक घोषणा की। खड़गे ने कहा कि विपक्ष ने एक ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है, जिसकी पहचान न्यायप्रिय, निष्पक्ष और संवैधानिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता से जुड़ी रही है।
कौन हैं बी. सुदर्शन रेड्डी
– जन्म 8 जुलाई 1946, तेलंगाना के महबूबनगर जिले में।
– ओस्मानिया विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और 1971 में वकालत शुरू की।
– 1995 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने और 2005 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए।
– 2007 से 2011 तक भारत के सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश रहे।
– गोवा के पहले लोकायुक्त के रूप में भी कार्य किया।
उनकी लंबी न्यायिक पृष्ठभूमि को विपक्ष अपने लिए एक नैतिक पूंजी के रूप में देख रहा है।
एनडीए का उम्मीदवार
वहीं सत्ता पक्ष एनडीए ने अपने उम्मीदवार के रूप में महाराष्ट्र के राज्यपाल और भाजपा नेता सी. पी. राधाकृष्णन को मैदान में उतारा है। राधाकृष्णन तमिलनाडु भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं और आरएसएस से भी उनका गहरा संबंध रहा है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर 2025 को होगा, जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त तय की गई है। यह चुनाव उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद कराया जा रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष का यह कदम केवल चुनावी मुकाबले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संवैधानिक मूल्यों और न्यायिक साख को सामने रखने की एक रणनीति है। दूसरी ओर, एनडीए अपने उम्मीदवार के जरिए दक्षिण भारत में राजनीतिक संदेश देने की कोशिश कर रहा है।