
- महिला शिक्षिका की हाज़िरी लगाने को ले कर हुआ विवाद ?
- पहली नज़र में BSA का पक्ष कमज़ोर होता दिखाई देता ?
- शिक्षिका पर विवाद से बिगड़ा मामला: सीमा वर्मा बोलीं – बीएसए को पीटा नहीं, बस डराया
सीतापुर (पंच पथ न्यूज़)। जनपद में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को पीटे जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। यह मामला अब ज़िले स्तर से प्रदेश स्तर पर पहुंच गया है। मंत्री संदीप सिंह ने भी संज्ञान लिया है। विवाद पर अब तक चुप्पी साधे प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा के परिवार ने खुलकर बयान दिया है। बृजेंद्र की पत्नी सीमा वर्मा ने मीडिया में बीएसए पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पति को एक “शिक्षिका” की अटेंडेंस लगाने के लिए जबरन दबाव डाला जा रहा था।
सीमा वर्मा के मुताबिक, पहले तीन साल का स्कूल का ब्यौरा मांगा गया, फिर दस साल का, और आखिरकार बीएसए कार्यालय में बुलाकर दबाव बनाया गया। उन्होंने कहा – “मेरे पति ने गुस्से में बीएसए को सिर्फ डराया था, पिटाई तब मानी जाती जब वह चलने लायक न रहते। उन्होंने कहा कि ऐसे ही शिक्षिकाओं (विवादित शिक्षिका जिसके इर्दगिर्द घूम रहा है पूरा प्रकरण) के कारण देश में बड़े-बड़े युद्ध हो गए हैं और कई रियासतें मिट गई है।” सीमा ने आरोप लगाया कि ज्यादातर बीएसए ऐसी शिक्षिकाओं के कारण प्रधानाध्यापकों को प्रताड़ित करते हैं। उन्होंने शिक्षकों की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अब शिक्षक अपने सम्मान के लिए आवाज नहीं उठा रहे। उन्होंने स्कूल के उन छोटे बच्चों के प्रति दिल से हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिन्होंने यह जानने के बाद कि उनके प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार कर लिया है स्कूल में ताला लगा दिया और पढ़ाई का बहिष्कार कर दिया। यह किसी भी शिक्षक के जीवन का “नोबेल प्राइज” है।
सूत्रों के अनुसार, यह विवाद तब शुरू हुआ जब स्कूल की शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को अटैच किए जाने पर प्रधानाध्यापक ने कागजात मांगे। इसी बात से नाराज बीएसए ने बृजेंद्र को बुलाया और विवाद मारपीट तक पहुंच गया।
गांव और बच्चे प्रधानाध्यापक के पक्ष में– आपको बता दें कि विद्यालय के बच्चे और गांव का माहौल गिरफ्तार किये गए प्रधानाध्यापक के पक्ष में दिखाई दे रहा है। प्रधानाध्यापक के गिरफ्तार होने के बाद बच्चों ने स्कूल में ताला जड़ दिया और शिक्षिका के खिलाफ नारेबाजी भी की। अभिभावकों का कहना है कि मैडम मनमाने तरीके से स्कूल में आती जाती थी स्कूल में आ कर भी कुछ पढ़ाती नहीं थी।
पूरे प्रकारण के बीच बीएसए और प्रधानाध्यापक का एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें अधिकारी कह रहे हैं कि कुछ दिन देखे रहिये अगर विद्यालय न पाएं तो….. (हालांकि पंच पथ इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है।)
प्रकरण पर शिक्षा मंत्री से संगठन की वार्ता- शैक्षिक जनांदोलन AINPSEF प्रदेश अध्यक्ष अंकुर त्रिपाठी विमुक्त ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से सीतापुर प्रकरण पर वार्ता की है। जिसमें स्पष्ट रूप से कहा है कि प्रकरण पर विस्तृत निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, बीएसए सीतापुर की भूमिका जांच के घेरे में है, जिस तरह ऑडियो वायरल है और अनाधिकृत रूप से जिस तरह शिक्षिका को विशेष लाभ दिया जा रहा था और प्रधानाध्यापक पर दबाव बनाया जा रहा था वह भी जांच का विषय है। जिस पर शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि एक निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए गए हैं पूर्ण प्रकरण संज्ञान में है हमारे पास सारे साक्ष्य और ऑडियो आ गए हैं, कठोरतम कार्यवाही होगी।
संगठन की ओर से आश्वस्त किया है कि हम चाहते हैं बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो इसलिए गांव जाकर संगठन प्रतिनिधि गांव वालों से वार्ता कर रहे हैं, विद्यालय समय अनुरूप संचालित होगा इस ओर संगठन प्रयासरत है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब पूरे प्रकरण की जाँच SIT को सौंप दी गई है।