
पटना (पंच पथ न्यूज़)। लंबे इंतज़ार के बाद आखिरकार भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों की घोषणा कर दी है। आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस बार राज्य में दो चरणों में मतदान कराया जाएगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर 2025 को होगी।
इस घोषणा के साथ ही बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है और सभी प्रमुख दलों ने प्रचार अभियान की तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
कब होंगे चुनाव?
चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले चरण का मतदान — 6 नवंबर 2025 (गुरुवार) दूसरे चरण का मतदान — 11 नवंबर 2025 (मंगलवार) मतगणना एवं परिणाम घोषणा — 14 नवंबर 2025 (शुक्रवार)।
दो चरणों में होने वाले इस चुनाव में राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए जनता अपने प्रतिनिधियों का चयन करेगी। आयोग ने बताया कि मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने के लिए केंद्रीय बलों की पर्याप्त तैनाती की जाएगी।
7.42 करोड़ से अधिक मतदाता डालेंगे वोट-
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 7.42 करोड़ है।
हाल ही में पूरी की गई Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया के तहत 21.53 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं, जबकि 3.66 लाख नामों को हटाया गया है।
यह संशोधन प्रक्रिया करीब 22 साल बाद इतनी व्यापक स्तर पर की गई है। आयोग ने कहा है कि हर मतदान केंद्र पर वेबकास्टिंग, सर्विलांस टीम और निरीक्षण अधिकारी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी ताकि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी हो।
राजनीतिक दलों की हलचल तेज-
तारीखों के ऐलान के बाद राज्य के सभी प्रमुख दलों में रणनीतिक बैठकों का दौर शुरू हो गया है। एनडीए गठबंधन (भाजपा, जदयू, हम, लोजपा) ने दावा किया है कि विकास और सुशासन के मुद्दे पर जनता का भरोसा उनके साथ है। दूसरी ओर महागठबंधन (INDIA Bloc) जिसमें राजद, कांग्रेस, वामदल और अन्य शामिल हैं, बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं।
इस बार चुनावी मैदान में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी पूरी तैयारी के साथ उतर रही है, जो तीसरे मोर्चे की भूमिका निभा सकती है। प्रशांत किशोर के मैदान में उतरने से मामला त्रिकोणी नज़र आता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह चुनाव बिहार के लिए “सत्ता परिवर्तन या पुनः विश्वास” दोनों की दिशा तय करेगा।
त्योहारों के बीच मतदान की चुनौती-
इस बार मतदान की तारीखें दीवाली (29 अक्टूबर) और छठ पर्व (19 नवंबर) के बीच रखी गई हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि इन त्योहारों को ध्यान में रखते हुए ऐसी तारीखें चुनी गई हैं जिससे मतदाता उत्सवों में शामिल होकर भी अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग कर सकें।
मुख्य चुनाव आयुक्त का बयान-
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा- “बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पूरी पारदर्शिता, शांति और निष्पक्षता के साथ संपन्न कराए जाएंगे। हर बूथ पर सुविधा, सुरक्षा और सुगमता हमारी प्राथमिकता है।”
उन्होंने बताया कि आयोग ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित दिशा-निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं ताकि प्रशासनिक निष्पक्षता बनी रहे।
चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद बिहार की जनता में राजनीतिक चर्चाएँ तेज हो गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों तक चाय की दुकानों, चौपालों और सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों को लेकर बहस छिड़ गई है। युवा वर्ग रोजगार और शिक्षा को प्रमुख मुद्दा मान रहा है, जबकि किसान वर्ग बिजली, सिंचाई और कृषि लागत को लेकर अपने प्रतिनिधियों से ठोस वादों की अपेक्षा कर रहा है। अब देखना यह होगा कि कौन किस की इच्छाओं पर खरा उतर पाता है।
बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। इससे पहले नई विधानसभा का गठन आवश्यक है। आयोग के इस ऐलान के साथ ही अब नामांकन, प्रचार और आचार संहिता की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बिहार की जनता इस बार किस पर भरोसा जताएगी विकास के नाम पर सत्ता में लौटने वाली सरकार या परिवर्तन के नारे के साथ मैदान में उतरी विपक्षी ताकतें।