
पटना (पंच पथ न्यूज़)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राज्य की सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ है। विपक्षी महागठबंधन ने गुरुवार को राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहानी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। इस ऐलान के साथ ही बिहार की राजनीति में नई सरगर्मी देखने को मिल रही है और एनडीए के लिए मुकाबला और कठिन होता जा रहा है।
महागठबंधन की यह घोषणा पटना में हुई एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई, जिसमें राजद, कांग्रेस, वाम दलों और अन्य सहयोगी पार्टियों के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा — “बिहार अब बदलाव की राह पर है। हम युवाओं को रोजगार देंगे, किसानों और गरीबों की आवाज़ उठाएंगे और भ्रष्टाचार मुक्त शासन लाएंगे।”
वहीं, मुकेश सहानी ने कहा कि “यह गठबंधन सामाजिक न्याय, सम्मान और समान अवसरों की लड़ाई का प्रतीक है। हम हर तबके की आवाज़ को राजनीति में ताकत देंगे।”
अब एनडीए के लिए क्यों मुश्किल हुई राह ?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव और मुकेश सहानी की जोड़ी महागठबंधन को जातीय और सामाजिक समीकरणों के लिहाज़ से बड़ा फायदा दे सकती है।
तेजस्वी यादव युवाओं और पिछड़े वर्गों में लोकप्रिय हैं, जबकि मुकेश सहानी का प्रभाव मल्लाह/निशाद समुदाय में गहरा है, जो कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाता है।
दूसरी ओर, एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी खींचतान की खबरें हैं। जेडीयू और बीजेपी के बीच उम्मीदवार चयन को लेकर मतभेद सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता में भी हाल के वर्षों में गिरावट आई है, जबकि युवाओं और नए मतदाताओं का झुकाव तेजस्वी यादव की ओर बढ़ रहा है।
राजनीतिक माहौल इस समय पूरी तरह से चुनावी रंग में रंग चुका है। जहां महागठबंधन “बदलाव और रोजगार” का नारा दे रहा है, वहीं एनडीए “विकास और स्थिरता” की बात कर रहा है। अब देखना होगा कि जनता किसके पक्ष में फैसला सुनाती है।



