Dishom Guru Shibu Soren : झारखंड के पूर्व CM शिबू सोरेन का निधन

आदिवासी आंदोलन के पुरोधा शिबू सोरेन का दिल्ली में निधन

  • रेहान अंसारी

रांची/दिल्ली। झारखंड की राजनीति के दिग्गज नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार, 4 अगस्त 2025 को 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। करीब एक महीने तक वे लाइफ सपोर्ट पर रहे और अंततः सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।

शिबू सोरेन के निधन की पुष्टि उनके पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भावुक संदेश के साथ की। उन्होंने लिखा –
“आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं… आज मैं पूरी तरह से शून्य महसूस कर रहा हूँ।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देशभर के शीर्ष नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा कि शिबू सोरेन ने अपना पूरा जीवन आदिवासी समुदाय, गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए समर्पित किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य कई नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी।

शिबू सोरेन: संघर्ष से सत्ता तक की यात्रा

जन्म: 11 जनवरी 1944, रामगढ़ (तत्कालीन बिहार)

संघर्ष की शुरुआत: 18 वर्ष की आयु में ‘संथाल युवक संघ’ की स्थापना, 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सह-स्थापना

लोकसभा सदस्य: 1980 से अब तक 8 बार संसद पहुंचे।

मुख्यमंत्री पद: तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे (2005, 2008-09, 2009-10)

केंद्रीय मंत्री: तीन बार केंद्र में कोयला मंत्री रहे।

शिबू सोरेन ‘दिशोम गुरु’ के नाम से लोकप्रिय, आदिवासी अधिकारों के सबसे बड़े पैरोकार माने जाते थे।
शिबू सोरेन झारखंड के राज्य गठन आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शामिल रहे। उन्होंने आदिवासी समाज के भूमि अधिकार, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के लिए दशकों तक संघर्ष किया।
अभी तक मिल रही जानकारी के मुताबिक, शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह रांची लाया जाएगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
यह निधन न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से एक युग का अंत है। शिबू सोरेन की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।

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