Aligarh : AMU में फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन, कुलपति को हटाने की भी मांग

  • एएमयू में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को मिला AIMIM चीफ ओवैसी एवं सांसद चंद्रशेखर आज़ाद का समर्थन

(पंच पथ न्यूज़) अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में हाल ही में की गई फीस वृद्धि को लेकर छात्रों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। छात्रों ने न सिर्फ इस वृद्धि को तुरंत वापस लेने की मांग की है, बल्कि कुलपति प्रो. नईमा खातून को पद से हटाने की आवाज़ भी बुलंद कर दी है। बीते दो दिनों से चल रहा विरोध प्रदर्शन अब और तेज हो गया है, जिसमें बाहरी छात्र संगठनों का भी समर्थन मिलने लगा है।

36 प्रतिशत तक बढ़ी है फीस-
विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाल ही में विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस में औसतन 36 प्रतिशत तक वृद्धि कर दी है। उदाहरण के तौर पर, बीए चौथे सेमेस्टर की फीस ₹8,000 से बढ़ाकर ₹12,000 कर दी गई है, जबकि 11वीं कक्षा की स्कूल फीस ₹8,750 से बढ़कर ₹12,200 कर दी गई। छात्रों का कहना है कि यह बढ़ोतरी अचानक और बिना किसी पूर्व परामर्श के लागू कर दी गई, जिससे कई परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। एएमयू के छात्र छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा की फैसिलिटी के नाम पर कैंपस में सुविधाएं शून्य हैं न तो सही से बिजली मिलती है और न ही अन्य बुनियादी सहूलियतें मुहैया कराई जातीं है। इसके बावजूद फीस में वृद्धि की जा रही है। जो कि कतई बर्दाश्त नहीं कि जाएगी।

बाब-ए-सैयद गेट पर धरना, झड़प की स्थिति-
फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों ने बाब-ए-सैयद गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू किया। शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान नमाज़ अदा कर रहे छात्रों और प्रॉक्टोरियल टीम के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो गई। छात्रों का आरोप है कि प्रॉक्टोरियल स्टाफ ने नमाज़ पढ़ने से रोकने की कोशिश की और बलपूर्वक हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान पुलिस को भी कैंपस में बुलाया गया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया और हल्की झड़प की घटनाएं सामने आईं।

बाहरी छात्र संगठनों का समर्थन-
एएमयू के छात्रों को जेएनयू छात्र संघ (JNU Students’ Union) समेत कई अन्य संगठनों का समर्थन भी मिला है। खासकर Students Islamic Organisation (SIO) और Students’ Federation of India (SFI) जैसे संगठनों ने विरोध को व्यापक समर्थन देने में अहम भूमिका निभाई।
जेएनयू छात्र संघ की महासचिव मुंतिहा फातिमा और उपाध्यक्ष मनीषा ने धरना स्थल पर पहुंचकर एएमयू छात्रों के साथ एकजुटता जताई। उन्होंने प्रशासन के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह का दमनकारी कदम लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।

छात्रों की प्रमुख मांगें-
1. फीस वृद्धि को तुरंत वापस लिया जाए।
2. प्रॉक्टोरियल टीम के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए।
3. कुलपति प्रो. नईमा खातून को पद से हटाया जाए।
4. सभी निर्णय छात्रों से परामर्श कर लिए जाएं।

कुलपति का बयान-
वाइस चांसलर प्रो. नईमा खातून ने छात्रों को एक खुले पत्र के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि फीस में यह बढ़ोतरी लगभग एक दशक बाद की गई है और इसे “मामूली” कहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए वित्तीय सहायता की व्यवस्था पहले से मौजूद है। साथ ही, उन्होंने प्रॉक्टोरियल टीम के कथित दुर्व्यवहार की जांच के लिए समिति गठित करने का आश्वासन दिया है, जो एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देगी।

छात्र संगठों के समर्थन में उतरे सांसद- एएमयू में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को अब देश के कई बड़े सांसदों का भी समर्थन मिल रहा है। पिछले कई दिनों से छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अब इस विरोध प्रदर्शन को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के लीडर और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी का भी समर्थन मिला है। ओवैसी ने AMU में फीस बढ़ाए जाने का विरोध किया है। उन्होंने AMU का यह कदम गलत है। फीस वृद्धि होने से कई गरीब छात्र शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं। यूनिवर्सिटी को जल्द से जल्द अपनी फीस वृद्धि वापस लेनी चाहिए। एएमयू के कई छात्र पिछड़े इलाकों और बेहद गरीब परिवारों से आते हैं। फीस में 35%-40% की बढ़ोतरी उनके लिए असहनीय है। तो वहीं लोकसभा सांसद चंद्रशेखर ने ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी द्वारा की गई अप्रत्याशित फीस वृद्धि छात्रों के साथ अन्याय है। जब छात्रों ने इसके खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन शुरू किया, तो उसे कुचलने की कोशिश की गई।


प्रदर्शनकारी छात्र तब तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं, जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं। वहीं, प्रशासन का कहना है कि संवाद और वार्ता से ही समाधान संभव है। आने वाले दिनों में यदि दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनी, तो एएमयू परिसर में हालात और बिगड़ सकते हैं।

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