LUCKNOW : यूपी में कैदियों की समयपूर्व रिहाई के नियम होंगे और आसान : सीएम योगी

( पंच पथ न्यूज़) लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने आवास पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में कारागार प्रशासन और सुधार सेवाओं के कामों की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने गंभीर बीमारियों से जूझ रहे कैदियों की समयपूर्व रिहाई से जुड़े नियमों को और सरल व मानवीय बनाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार प्रदेश की नीति पारदर्शी और प्रभावी होनी चाहिए। ऐसे पात्र बंदियों की रिहाई पर स्वतः विचार होना चाहिए, उन्हें इसके लिए अलग से आवेदन न करना पड़े।

उन्होंने निर्देश दिया कि सभी जेलों में सर्वे कर यह पता लगाया जाए कि कितने कैदी गंभीर बीमारी, वृद्धावस्था या अशक्तता के कारण अब अपराध करने में सक्षम नहीं हैं। खासतौर पर महिलाओं और बुजुर्ग कैदियों को प्राथमिकता के आधार पर रिहा करने की व्यवस्था की जाए।

सीएम योगी ने कहा कि जेलों में बंदियों को कृषि और गोसेवा जैसे कार्यों से जोड़ना चाहिए ताकि उनकी जेल अवधि का सही उपयोग हो सके। साथ ही यह भी तय किया जाए कि कौन-सी बीमारियां “असाध्य रोग” की श्रेणी में आएंगी।

उन्होंने साफ किया कि समाज की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए हत्या, आतंकवाद, देशद्रोह और महिलाओं-बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराध में दोषी पाए गए कैदियों को किसी भी हाल में रिहाई नहीं दी जाएगी।

बैठक में तय किया गया कि हर साल जनवरी, मई और सितंबर में पात्र बंदियों के मामलों की स्वतः समीक्षा होगी। यदि किसी कैदी को रिहाई न दी जाए तो कारण दर्ज किए जाएं और कैदी को उस फैसले को चुनौती देने का अधिकार मिले।

सीएम योगी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, त्वरित और मानवीय संवेदनाओं पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से जल्द नई नीति का मसौदा तैयार कर अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करने को कहा।

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